तेरा प्यार है तो मुझे क्या कमी है.....
सोहम तुने ठीक से खाया या नहीं हास्टल में उल्टा पुल्टा मत खा लेना। यहाॅ॓ तो मैं थी डांट कर खाना खिला देती थी वहाॅ॓......फोन पर तो कुछ पता ही नहीं चलता। समय से खाया या नहीं , मधुमीता ने सोहम को डाटते हुते बोला। तुम उसे अभी तक बच्चा ही समझो ,सब मिलता है वहाॅ॓। राजेश ने फोन लेते हुए कहा ।और सब ठीक है सोहम ।तेरी मम्मी को सिवाय डांटने के कोई काम नहीं।आप भी समझा नहीं सकते और मुझे ही सुनाओगे मधुमीता ने कहा दोनों मुस्कुरा दिये। कुछ दिन बाद मधुमीता को सोहम ने फोन किया ।मां बड़ा मन कर रहा है आज, आपके हाथों से बने कभी चावल खाने का। मधुमीता जानबुझ मुस्कुराती अच्छा हुई बोली अच्छा सब तो मिलता है हास्टल में फिर । अरे वो तो शुरू की बात थी अब बोर हो गया यहाॅ॓। भंरवा भिंडी , कढी चावल और ओओ मां मन कर रहा है जल्दी आ जाऊं घर। हां सोहम मेरा भी मन वही है। तेरी पसंद का कुछ नहीं बनाने का मन करता तेरे बिना मुॅ॓ह में कहाॅ॓ जायेगा निवाला? गला भर आया मधुमीता का । सोहम समझ गया।रो रही हो? ओहो मां तुम रोने लगी ।मन की बात भी बताना मुश्किल है ।चुप हो जाओ।रोओगी तो मैं आ जाऊंगा। हां मैं कहां रो रही ह