एलियंस एक रहस्य (भाग 1)

बहुत पहले समय से वैज्ञानिक यह खोज कर रहे हैं कि इस ग्रह की अलावा भी दूसरी जगह पर प्राणी है ।कुछ लोग इस बात को मानते हैं कुछ नहीं मानते ।
 वैज्ञानिकों मे भी इसका चर्चा का विषय यह बना हुआ है   पर इसके काफी सुबूत देखने को भी मिले हैं कि कुछ तो है... जैसे  बहुत लोगों ने उड़नतश्तरी के बारे में सुना और देखा भी है ।
        हो सकता है ,यह काल्पनिक हो.. और हो सकता है ऐसा हुआ हो ।बहुत सारे लोगों ने उस जगह का निशान देखा है, जहां पर वो उड़नतश्तरी रुकी होगी ।कुछ लोगों कुछ वैज्ञानिकों का दावा है कि इनकी एलियंस कि लंबाई 3 फुट रही होगी । अगर यह दूसरे ग्रह के वासी है  ..एक रहस्य ही है पर कुछ कुछ लोगों का मानना है कुछ पुख्ता सबूत है मिले हैं जिन्हें देखकर यकीन करना मुश्किल है क्योंकि वह ऐसा लगता नहीं कि वह मनुष्य द्वारा बनाई गई चीजें नही  हैं...
हिस्ट्री चैनल की रिपोर्ट कहती है 'एरिक वॉन डे निकेन 'इन की किताब ''चैरियोटस ओफ  गॉड'' ने सोचने पर मजबूर कर दिया यह वैज्ञानिक पुरानी सभ्यता पर रिसर्च करते थे ...उनके अनुसार मिस्र के पिरामिड वहां के निवासियों द्वारा नहीं बनाए गए क्योंकि उनके पास ना तो बनाने के औजार थे और ना ही उनको इतना ज्ञान हुआ करता था।
        ऐसे कई मंदिर है जहां आधुनिक तकनीक से भी नहीं बनाया जा सकता। साउथ अमेरिका पंकु नाम की एक जगह है जहां बड़े-बड़े पत्थर की श्रंखला है  जो रहस्य में तरीके से बनाई गई है ।Hआकार दी गई है उस पर भी यकीन करना मुश्किल है..। कितने भारी चट्टानो को  लाई कैसे लाया गया  होगा ?आम इंसान की बात नही ।
 रामायण और महाभारत में भी विमानों का उल्लेख मिला है   
             कहते हैं एलियन कुछ उड़न तश्तरी या किसी ने नाम दिया है और इन्हें ''अन आईडेंटिफाईड फ्लाइंग ऑब्जेक्ट ''(यूएफओ) कहां गया ।पैरू   में दुनिया का खनिज भंडार भरा है ।यहां पर एलियन उतर कर अपना डेरा जमा के लिए आते थे ।
      यहां बहुत रिसर्च की जा सकती है। ''नेजका लाइंस  दक्षिण अमेरिका'' के पैरू में डिजाइन किए गए कुछ जगह है ,  जहां पर प्रतीत होता है यहां रनवे रहा होगा.... कुछ लोग  मुताबिक 'स्टोन हैंनस नीले रंग का पत्थर था , जो बीमारियों को दूर करने के काम आता था ।इंग्लैंड के विल्टशर   में चौडे  पत्थर गोलाई में खड़े हैं , जिनको  इंसानो के लिये लाना असंभव है..... यह लगभग 3000 ईसा पूर्व बनाए गए होंगे।
  कुछ महापुरूष ने शास्त्रो के आधार पर  इसको अलग तरह बताया गया है   
       ऊँ..... वह उर्जा है जो हर जगह भिन्न रूप में व्यक्त होती है ।जैसै जीव, जंतु, पेड़-पौधे, हवा पहाड़ सभी ऊर्जा से बने हैं ।परमाणु के अंदर के पार्टिकल्स को भी ओम ने हीं गतिमान किया है वह अनाहत नाद है .....बिना किसी प्रक्रिया आघात के पैदा होने वाली आवाज।ऊँँ से ही सभी की उत्पति मानी गयी है।
 शास्त्र कहता है ग्रह सूर्य का चक्कर लगाते हैं सूर्य किसका चक्कर लगाता है पर वैज्ञानिक अभी तक इस बात पर कंफर्म नहीं है ।शास्त्र बताते हैं सूर्य... महा सूर्य का चक्कर लगाता है ।जो विष्णु भगवान की नाभि है अनंत पहेली जिसे कोई नहीं जान पाया। ब्रह्माजी भी इसी नाभि से अवतरित हुए थे। यह महास्थान ब्रह्मांड में जाने के लिए यह एक रास्ता है .।।।वह सभी ब्रह्माषि अनंत विस्तार पर अनुसंधान यानी रिसर्च करा करते थे ।
आयाम जिनका जितना तपोबल  होता है वह उतनी ही बड़े आयाम पर पहुंचता है ।आयाम को आप लेवल का रूप भी दे सकते हैं। लेकिन यह हर कोई नहीं कर पाता सातवें आयाम तक ...यक्ष ,गंधर्व  ,किन्नर ,यक्ष ,ऋक्ष,विधाधर पितर, देवता ,प्रजापति, दिक्पाल  किरात आदि जैसे पहुंच पाते हैं ।और धीरे-धीरे दिव्य नेत्र खुलते हैं और दिव्य शक्तियां मिलती है।
परलोक पर इनका वास कहा गया ।पर शायद वैज्ञानिक एलियंस नाम कहते है। आगे पढने के लिये आगे का भाग पढिये। आपको ये पोस्ट पसंद आई हो तो प्लीज लाइक करे और मुझे फालो करे।
कुछ ग्रन्थो मे लोक परलोक का जिक्र हुआ है  ये आप आगे पढेगें...

Comments

Popular posts from this blog

आपका परिवार आपकी हार्टबीट