एलियंस एक रहस्य ( भाग 2)
क्या एलियंस है? क्या यह किसी दूसरे ग्रह पर रहते हैं ?चांद, तारे, मंगल ग्रह ,परलोक वासी भी कहते हैं। इस पर बहुत दिनों से रिसर्च चल रही है ।यह चर्चा का विषय है वैज्ञानिक इसको अलग ढंग से देखते हैं ।
हिंदुस्तान के ग्रंथों में कुछ चीजों का अलग तरह से उल्लेख किया गया है बहुत से ग्रंथ में कहा गया है कि कई तरह के लोग होते थे ।देवलोक पीतरलोक ,पृथ्वी लोक पाताल लोक। , अलग अलग होते थे ।और इसमें एक से दूसरे लोक में जाने के लिए उनके विचार , सोच , उम्र ,कार्य ,सब बदल जाते थे ।
हमारे देश में वैज्ञानिक अब तक खोज कर रहे हैं क्योंकि जो पहले श्लोक , चालीसा ग्रंथ, में जो लिखा है वह उनके बहुत गहरे अर्थ अब पता चल रहे हैं जो कि संस्कृत में दिए गए थे। हनुमान जी के बारे में भी उनकी चालीसा में सब कुछ विवरण है ,सूर्य से पृथ्वी तक की दूरी सब ऐसे उदाहरण हमें देखने को मिलते हैं । जैसे इनमें नाग ,यक्ष ,गंधर्व ,किरात , विद्याधर ,ऋक्ष, पितर ,देवता प्रजापति। ,दिक्पाल हुआ करते थे।क्या पता ये ही ये दुसरे ग्रह के वासी हो ?
नाग -- सर्प नहीं होते थे इनका रूप निश्चित नहीं होता था । ये शिव के रूप वासुकी के पूजा करते थे युद्ध कला मे निर्पूण होते थे
यक्ष --अमर होते थे इन की नाभि में अमृत होता था जिन्हें कोटर कहते थे ।अमृत का कोटर होता था ।जब यह देह त्याग दिए थे तब इन्हें अमृत को यह अपनी यौगिक कला से सुखाते थे और तब इनकी देह त्याग होती थी ...
एसी बहुत शक्तियो को दिव्य कहा गया ।ये सब वैज्ञानिक सोच से परे है। सोच से बहुत आगे है....जो ग्रन्थ है उनमे आज भी रिसर्च चल रही है । पर बनारस के 1937 में केदार मालाकार 16 वर्षीय किशोर ने सबसे पहले सुनसान जगह पर प्रकाश दिव्य देह को पेड़ के ऊपर की टहनियों पर देखा था ,थोड़ी देर बाद वह प्रकाश गायब हो गया और उसका शरीर शिथिल हो गया और वह घुटनों के बल गिर गया थोड़ी देर बाद जब उसे शरीर में जान सी लगी ,तब वह घर गया और बीमार हो गया इलाज कराने के बाद वह सही हो गया और उसके बाद उसकी उसका शरीर थोड़ी देर के लिए शिथिल हो जाता और वह शरीर से बाहर आ जाता, थोड़ी देर बाद वह शरीर में अपने आप आ जाता उसमें विद्या की बहुत शक्ति आ गई थी। ज्ञान विज्ञान बढ़ गया था उससे बहुत प्रश्न किए जाते थे जिसका उत्तर उसने बताया कि प्रकाश के आने पर वह शरीर छोड़ देता है और उनके साथ चला जाता है , वह जगह विष्णु भगवान के शंख जैसी दिखाई देती है ,और अंदर जाने पर उसको कोई भाषा समझ में नहीं आती। तब एक प्रकाश की किरण उसके शरीर पर गिरती है और भाषा समझ जाता है ।तब ज्ञान विज्ञान और बहुत जानकारी के बाद उसको वापस भेज दिया जाता है ।और वह अपने शरीर में वापस आ जाता है ऐसा एक के साथ नहीं हुआ ऐसा बहुत उदाहरण देखे गए हैं। और इस पर बहुत वैज्ञानिको ने सब ने बहुत प्रश्न पूछे गए और उस किशोर ने सभी बातों को ग्रंथों में लिखे हुए बातों से सत्य साबित किया। उसने बताया ऐसा उसके साथ बार-बार हुआ और वह अपना शरीर को थोड़ी देर के लिए छोड़ पाता था। कहा गया है ...आयाम हुआ करते थे साथ और अनगिनत आयाम माने गए हैं आयामों को एक लेवल भी मान सकते हैं ..।और जो जितने आयाम प्राप्त कर लेता था उसके नेत्र खुलते जाते। वह उतनी ही दैव्य शक्ति को प्राप्त करता था। इसमें अलग-अलग लोक थे और एक लोक। दूसरे लोक का विचार और उम्र, सोच ,कार्य। सब कुछ अलग हुआ करते थे। जिन्हें शायद अब एलियंस माना जाता है पर यहां हमारे देश में सब इन्हें गंधर्व, कीरत पाल ,यक्ष ,ऋक्ष नाम इस रूप में मानते हैं कि शायद वही एलियंस हो ..? या एलियंनस सच मे ही हो ? या केवल काल्पनिक हो..कुुछ अभी तय करना मुुश्किल है.....
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