खोदा पहाड़ निकली चुहिया

ये बात मेरे साथ ही हुई। जिसे सोचकर आज भी हँसी आ जाती है😃। इसी गर्मियोंं की छुट्ठियोंं मे मै आपने मम्मी ,पापा के साथ घर आ रही थी । पापा -मम्मी ,भाई ,भाभी  के साथ ही खुश रहते ।बेटी के घर कम ही आते ,मेरे पति ने उन्हे बहुत कहा  बहुत कहने सुनने के बाद वो मान गये।  😄👍
       हम एयरपोर्ट आ गये  ।बच्चे भी खुशी से फूले नही समा रहे थे नाना ,नानी साथ चल रहे है। चैकिंग हो गयी । हम निश्चिंत होकर बैठ गये। थोडी देर बाद हमारे पास एक फोन आया सिक्योरिटी से कि आपका सामान रोक लिया गया है  नीचे सैक्शन मे पहुँचे । 🤔
       हे भगवान ! क्यूँ हुआ ,क्या हुआ होगा ।अभी तक तो सब सही था । मेरे पैर मे चोट लगी थी ज्यादा चलना भी मुश्किल था । मै जाने लगी तो मेरे पापा ने कहा तुम बैठो मै जाता हुँ ।पापा की भी बहुत कमर मे दर्द था ।तो मुझे मम्मी को चिंता थी क्युकि काफी दूर बुलाया गया था। मै ये सोचकर तो निश्नचिंत थी कुछ एसा नही होगा जिससे   हमे रोका जाये आगे। पर ये सोचकर चिंता कि पापा को साथ ले जा रही हुँ और बैठे बिठाये बिना बात की मुसीबत ।
🙄 गो डाउन जहाँ से सब सामान फ्लाइट मे जाता है ।किसी एक को ही जाना था ।वो तो शुक्र था कि हमेशा हम समय से भी काफी पहले पहुँचते थे ।कि कभी कार मे रास्ते मे कोई परेशानी हो ,खराब हो जाये  या कुछ भी।  सिक्योरिटी  आफिसर लेने आये थे गेट पर काफी दूर था जाना  नीचे गो डाउन था और काफी चलना भी पडा ।तो तीन चार बार चैकिंग कि ...पेपर पर साइन काफी औपचारिक  काम कराये।इसी मे काफी समय लग गया।       वहाँ पहुँच कर सबने बताया स्केनर मे कुछ दिखा है । गोल है इलैक्टो्निक तो नही ,पावर बैंक या कुछ।मुझे चिंता थी ,पापा को बस अपनी टा्ली का ही पता है ।मेरी दो टा्ली मे क्या है कैसे बतायेगे ।पर पापा ने कहा लगता तो नही ये होगा क्युकि बच्चो का सामान है ये और हम भी  आते रहते है। तो हमे पता है कि इलैक्टो्निक या कौन सा सामान नही लाना। और सब पापा से पूछ ही रहे थे अभी तक किसी ने भी खोले नही थे बैग ।उन्हे कोई दो जगह गोल चीज दिखाई दे रही थी ।सब डर रहे थे बम जैसा तो नही। पापा भी परेशान कही इन सब चक्कर मे फ्लाइट सबकी ना छूट जाये। हम वहाँ परेशान  आधा घंटा  हो गया गये हुये ।क्या हुआ होगा।  पापा उन्हे समझाया कि ऐसा कुछ नही है ।  आप खोलिये ।
          टा्ली खोली गयी और उसमे से सच ही दो गोल सामान बाहर निकाले ...जानते है क्या था ......वो थे भाई दोज के तीन गोले जो मेरी नन्द ने दिये थे.......😃🤣😄सब हँसे बिना नही रह सके ।सिक्योरिटी आफिसर पापा को छोडने आए ,हमने पूछा क्या था आफिसर ने बोला'बम के गोले '
सबको हँसी आ रही थी सारे रास्ते गोलो ने हँसाया।
खोदा पहाड ,निकली चुहिया।
दोस्तो कभी कभी ऐसा कुछ होता है ,सोचकर हँसी आ जाती है।
मेरी आपबीती अच्छी लगी हो तो, जरा सी मुस्कुराहट आई हो तो  प्लीज लाइक करे।.मुझे फालो कर सकते है।
धन्यवाद

Comments

Popular posts from this blog

आपका परिवार आपकी हार्टबीट