अपने बेगाने

अरे!बड़ी बहु क्या बाल इतने गीले है और पंखे मे बैठी हो जाओ धूप मे ,सर्दी जुकाम हो जायेगा। क्या मम्मी जी कुछ नही होता ।नही बेटा जाओ ।बड़ी बहु पैर पटकती हुई बाहर चली गयी। क्या है! मेरे को ही तो होगा जो होगा ,मम्मी जी को भी क्या पड़ी रहती है।
छोटी बहु रोहिता को आवाज लगायी ,हाँ जी मम्मी छोटी बहु ,जरा पापा जी को एक कप चाय बना दो । मै जरा मिर्च का अचार डाल रही हुँ। छोटी भी बे मन से चली गयी।

रोहिता बहुत ध्यान रखती बहुओ को बेटी की तरह पर बहुओ को अपनापन नही  दखल अन्दाजी लगती।

रोहिता और मोहित के दो बेटे ,दो बहुऐं ,एक बेटी थी।
दोनो बेटे बहुत प्यार से रहते थे ।एक बेटी उसकी शादी हो गयी थी। रोहिता अपनी बेटी को ससुराल भेज कर निश्चिंत थी। बेटी से हमेशा कहती तुम गई और मेरी दो बेटियां घर में आ गई है अब तेरा सारा प्यार उस पर उन दोनों पर लूटेगा जल्दी जल्दी आना अपना प्यार लेने के लिए ।

खुशहाल जीवन था ।रोहिता अपने पति मोहित के साथ बहुत अच्छे से समय बिता रही थी ।बहू को भले ही उनका प्यार दखलंदाजी लगता था पर फिर भी घर में खुशहाली ही थी ।बहुओ की बातो को बचपना समझ कर हँस देती ,कहती उनकी बेटी रोली होती तो वो भी ऐसा ही करती ।समय के साथ समझदार हो जायेगीं ।
जिम्मेदारी सब सीखा देती है। अगर कोई बात मोहित समझाना भी चाहते तो मना कर देती ।बच्चो को आपका समझाना बुरा लगेगा  मै अपने तरीके से समझा दुगीं।

 एक दिन रोहिता जी कि पेट में हल्का सा दर्द हुआ बहु से बोली आज मैंने कुछ पेट में हल्का सा दर्द है इसलिए ब
 मैं तो बाहर धूप में जा कर बैठती हूँँ।तुम  लोग अपना काम निपटा लो ।किसी ने बहुत ज्यादा ध्यान नहीं दिया क्योंकि दर्द हल्का सा ही था शाम को दर्द बढ़ने लगा असहनीय दर्द होने पर उनके पति आए ऑफिस से रोहित जी के चेहरे को देखकर एकदम समझ गए कि कुछ गंभीर मसला है बोले ज्यादा दर्द है क्या ?  रोहित ने कहा हाँँ जी सुबह कम था। अब कुछ तेज होने लगा है कोई दवाई ली नहीं ।गर्म पानी की सिकाई कर रही थी ।

चलो मैं दिखा के लाता हूँँ और जब तक दोनों बेटे भी आ गए थे।  बड़े बेटे के साथ उनके पति रोहित हॉस्पिटल ले गए ।जहाँँ उन्होंने कुछ टेस्ट लिख दिए। अगले दिन टेस्ट रिपोर्ट में उनकी दोनो किडनी फेल हो गई थी।

 पूरे घर परिवार में यह एक बहुत बड़ा झटका था किसी को उम्मीद भी नहीं थी कि एक  दिन में इतना कुछ बदल जाएगा ।सब घबरा रहे थे मन परेशान था।

रोहिता जी को तो खुद गुमसुम हो गई थी उन्होंने अपने पति से कहा मैंने सुन लिया है कि मेरी दोनों किडनी फेल हो गई है ।पता नहीं मैं बच पाऊंगी या नहीं। आप मेरे जाने के बाद बच्चों के साथ अच्छे से रहना। उनकी बातों में हाँँ करते हुए ही रहना ।तभी खुश रहोगे। जब  यहां से  मन भर जाए या कुछ उदासी छा जाए तो बेटी के पास कुछ दिन हुआ ना या उसे बुला लिया करना ।

कैसी बातें करती हो?  रोहित अभी तुम बिल्कुल ठीक हो जाओगी ।टेस्ट हो गये है सभी के कोई ना कोई किडनी दे देगा । और भी जगह पता किया है ।
मेरे दिल की प्रॉब्लम है मेरे को डॉक्टर ने मना करा है और बच्चे हैं ।
बच्चों की जरूर मैच हो जाएगी। डॉक्टर को भी  लग रहा  था ।

पर दोनों बेटों का किडनी मैच नहीं हुई थी कुछ ना कुछ परेशानी थी । और दोनों बहुओं की हो गई थी । एक बहुत अच्छा हुआ बहुओ की मिल गयी ।   दोनों बहुओं के चेहरे उतर गए थे जब नेे सुना उन्होंने तुरंत ही अपनी किडनी देने को मना कर दिया था ।
कहने लगी हमने सोचा किसी ना किसी कि मिल जायेगी तो टेस्ट कराने मे क्यया परेशानी है। पर हम नही देगें ।

  मम्मी पचास की हो गयी है  हम तो जवान है हम  क्युं परेशानी भुगते।
 मोहित ,बहुओं के सामने हाथ जोड़े खड़े थे और डॉक्टर उन्हें सांत्वना दे रहे थे कि एक किडनी से जिंदगी बहुत आसानी से काटी जा सकती है ।क्योंकि  पचास  जी की उम्र भी अभी नहीं हुई थी।
 बहुत जोर की स्थिति में भी वह नहीं थी पर दोनों बहुएं टस  से मस नहीं हो रही थी। ।

रोहिता  जी को अपनी बेटी से मिलना था तो बेटी को भी बता दिया था कि मम्मी एडमिट है बेटी दौड़ी भागी आ गई और जब उसे पता चला कि दोनों भाइयों ने किडनी देने को मना कर दिया है तो उसके आँँसू थम नहीं रहे थे हाथ जोड़कर उनके सामने खड़ी थी। भाइयों से झोली फैलाकर अपनी मम्मी की जिंदगी माँँग रही थी । रो रो कर कह रही थी भाभी बहुत केस है जिसमे बहु ने सास को किड़नी दी मिसाल बन गयी। रहने दो भाभी गुस्से मे बोली ,हमे नही बनना मिसाल । भाई लाचार थे थक गये थे मना कर ।   क्योंकि उनकी पत्नियां उनकी सुनने वाली नहीं थी।

 उनकी बेटी ने तुरंत अपना टेस्ट कराने के लिए दिया और उसकी किडनी मैच हो गई एक तसल्ली हो गई कि चलो अब रोहिता जी के बचने के आसार है पर बेटी के ससुराल वालों को जब यह पता चला तो वह विरोध  में आ गए ।

वह अपनी बहू की किडनी देने को बिल्कुल तैयार नहीं थे ।बेटी अपनी बात पर अड़ी थी कि वह अपनी माँँ को किडनी देकर रहेगी क्योंकि उसी ने उसको जिंदगी दी थी और एक किडनी देने से मेरी जिंदगी खत्म नहीं हो जाएगी ।

पर मैं मां मेरी बच जाएगी असमंजस वाली स्थिति ।रोहिता की जिन्दगी और मौत के  बीच जंग छिड़ी थी ।फिलहाल बेटी मान नहीं रही थी तय कर लिया था । पापा का हाथ पकड़ कर रो रही थी पापा मै मम्मी को बचाऊँगी आप रो ओ मत। डॉक्टर ने तारिख दे दी थी।

 किडनी की ऑपरेशन के लिए और ऑपरेशन से दो दिन पहले की अचानक रोहिता जी को इन सब बातों का पता चल गया था ।उन्होंने नर्सों से बात करते हुए सुन लिया कि कैसे बहुओ ने यना कर दिया और बेटी तैयार हो गयी

और उन्हें तुरंत हार्ट अटैक हुआ । इतना बड़ा दुख वह झेल नहीं पाई और इस दुनिया से उन्होंने विदा ली ।

अपनी बहुओं को बेटियों की तरह रखने वालीरोहिता को  बहुओं ने एक झटके में उनकी जिंदगी को किनारे कर दिया था ।
अगर बहुओं की मम्मी के साथ ऐसा हुआ होता तो शायद ये ही बहुऐ सबसे पहले आगे आ गई होती ।यही जिंदगी है ।अपने भी कभी-कभी बेगाने हो जाते हैं।
आपको ये सच्ची घटना कैसी लगी ?
आप मुझे लाइक करे ।फालो कर सकते है।

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