अतीत की ओर भविष्य

भानु चप्पल बहार उतारो सारा घर गंदा कर दिया ।मम्मी हम पहले  से ही घर में चप्पल लेकर आते हैं ।आप जब से पूना आई हो तब से उन लोगों की देखा देखी कहती हो इसमें गलत क्या है बेटा ,कुछ चीजें अच्छी सीख ले तो बुराई क्या है ?पहले के लोग भी घर में आते हुए चप्पल उतारकर वही बाल्टी पानी की भरी होती थी ।पैर हाथ मुंह धोकर ही करने आते थे या यह कह लो तुम्हारी  विज्ञान की भाषा में बैक्टिरिया  घर में नहीं आते और वैसे भी घर साफ तो रहता है ।क्या मम्मी टोका करती रहती हो।

शीतल बच्चों बच्चों के साथ क्यों उलझती  रहती हो ।तुम भी तो बचपन से ही ऐसी चप्पल लेकर ही आती थी ।अब जब से पूना आई हो तब शीतल तुनक कर  की रसोई की तरफ बढ़ गई ।आप लोगों से तो कुछ कहना ही बेकार है।

शीतल याद है ना शाम को मिस्टर भल्ला और मैसेज भल्ला रहे हैं हाँँ जी याद है आप ऑफिस से वापस आते समय नाश्ता लेते आना। हाँँ ठीक है 5:00 बजे मुझे फोन करके याद दिला देना और यह कहते हुए मयंक घर से बाहर निकल गए।

भानु जरा बेटा पनीर का एक दो पैकेट ले आना शीतल ने रसोई से आवाज देते हुए कहा मां मैं भी नहीं जा सकता बाइक लेकर पापा चले गए हैं अरे तो साइकिल से ले आ। साइकिल से भानु खींझते हुए बोला नहीं मम्मी मैं साइकिल से नहीं जाऊंगा कितनी शर्म आती है साइकिल चलाने में ,शाम तक रुक जाओ बाइक आ जाएगी तब ले आऊंगा। 
पता नहीं क्या हो गया है आजकल के बच्चों को पहले के लोग तो साइकिल से ही जाया करते थे ठीक है कुछ और बना देती हूं शीतल ने रसोई से ही कहा शीतल अपनी रोजमर्रा के कामों में लग गई ।

शाम को मेहमान आने वाले थे ।शाम को मेहमानों के समय उसने अपना तांबे के नए गिलास जो लाई थी उसमें पानी  दिया ।अरे वाह  शीतल आपका तो बहुत सुंदर तांबे के गिलास है ।जी अभी मैं नये ही लाई हूं वैसे भी तांबे के पानी में पीने से आपका स्वास्थ्यवर्धक होता है। 

यह तो फ्रिज का ठंडा पानी पीते हैं और वह भी बहुत ज्यादा ठंडा ।मैंने तो अपने लिए खड़ा रखा हुआ है ।आप पीना पसंद करेंगी मैसेज बल्ला ?अरे वाह घड़े का पानी मुझे बहुत अच्छी लगती है उसकी खुशबू, मुझे तो जरूर दीजिए। हाँँ घड़ा रखा हुआ है मिसेज भल्ला फ्रिज का पानी मुझे सूट नहीं करता एकदम गला खराब हो जाता है।

 भल्ला जी सामने देखिए को सामने वाला घर है बिल्कुल स्टैंडर्ड ही नहीं है ना डायनिंग टेबल है नीचे बैठ कर खाना खाते हैं। यहाँँ के लोगों में कुछ कंजूसी दिखती है मयंक ने सामने घर की ओर इशारा करते हुये कहा ।।शीतल ने तुरंत का यह कंजूसी नहीं है पहले के लोग नीचे बैठकर ही खाते थे और हाथ से खाना खाते थे। यह सब हमारे पाचन तंत्र के लिए बहुत अच्छा था पर हम लोग तो डाइनिंग टेबल पर खाते हैं जिससे हमारा पाचन सही नहीं होता ।

क्या शीतल तुम फिर शुरू हो गई पुरानी बातों को लेकर भल्ला जी शीतल तो बस बहाना चाहिए पुरानी बातों को पकड़े रहती है। अब देखिए जींस पहन के नीचे बैठा कैसे जाएगा ?और मोटापे में नीचे बैठ गए तो उठाने के लिए दो मददगार लगेंगे या नहीं और सब खिल खिलाकर हंस ने लगे और शीतल मुस्कुराती हुई रसोई की तरफ चली गई नाश्ता लेने के लिए ।

वापस आते हुए बोली यह लीजिए गरम गरम मोमोज और कार्न सैंडविच खाइये। खाइये अब ये  तो नए जमाने के है । सब हसँने लगे हाँ हाँ क्यो नही।

मिसिज  भल्ला ने शीतल की तरफदारी करते हुए कहा सही बात है भाई साहब शीतल बिल्कुल सही है ।पहले कि अब देखिये ना प्लास्टिक बैग बंद हो गए और अब हर शॉप पर आपको कपड़े के सिले हुए बैग मिल रहे हैं जो कि पहले हमारी नानी दादी कपड़ों से काट काट कर थैलै बनाया करती थी और प्लास्टिक ने कितना  ही देश को खराब  कर दिया है ।मैं शीतल का साथ दूंगी ।

अब देखिए ना एक हफ्ते बाद मेरी बेटी का  जन्मदिन है आप सबको आना है हम इसीलिए यहां पर आपको आमंत्रित करने आए हैं और अब आप बात चल ही गई है तुम्हें बताऊं कि मैंने प्लास्टिक की  क्रोकरी  नही ली ।लकड़ी के पेड़ के पत्तों की प्लेट और कटोरी ली है। नए स्टाइल से डिजाइन हुई है ।हाइजीनिक लिए भी ।
मै भी  इन बातों को बहुत मानती हूँँऔर जो खाना बच जाएगा उसके लिए भी मैंने पहले से ही कुछ आश्रम है अनाथालय जो हमारा खाना ले जाते हैं जो हमारा बच गया होता है। अरे वाह मैसेज भला आपको देखकर लगता नहीं आप इतना सोचती हूं कि मैं तो थोड़े पुराने ख्यालों की हूँँ तो सब मुझे यह सुनाते हैं और आपकी बातों से मैं बहुत प्रभावित हुई हुँ। हमारी खूब जमेगी ।शीतल ने तारीफ करते हुए मैसेज भल्ला को कहा।

अब देखिए ना यह तो मेरी सुनते ही नहीं है पहले जो चीजें थी वह अब समझ आ जैसै हैं दक्षिण को पैर करके नहीं सोते वह सब नेगेटिव और पॉजिटिव पोल की वजह से अब समझ में आया है ।हाथ से खाना खाने से पोरवो मे दवाब होता है पाचन अच्छा ,मतलब एक तरह का एक्युप्रेशर होता है ।यहाँँ तक कि हमारी चूड़ियां ,कान की बाली ,पायल इनका भी संबंध सब हमारे शरीर के अंगों से है। 


चले अब तो छुट्टियां आ रही है इसमें तुम्हारा क्या प्रोग्राम है मयंक ? नहीं भी नही सोचा ,कही चलो साथ कहीं चलते है। हां चलिए शिव जी का मंदिर चले बहुत अच्छा है।पास वाला क्या? यहाँँ पर नहीं जो  12 साल पुराना मंदिर है वही चलेंगे शिव जी का मंदिर जाना है तो इतनी दूर टोकते हुये कहा । 

 शीतल ने कहा नहीं जो पुराने मंदिर थे उनका निर्माण बहुत सोच-समझकर हुआ था और उसमें इतनी चुंबकीय शक्ति है इसलिए पॉजिटिव वाइब्रेशन होती हैं जो हमारे मस्तिष्क पर असर करती हैं उनका चक्कर लगाने से या वहाँँ पर बैठने से हमारी इंद्रियां जागृत होती हैं सब पॉजिटिव सकारात्मक सोच बढ़ती है। पुरानी मंदिर की मान्यताएं ऐसे ही नहीं है। आजकल  तो क्या है जहां जमीन देखी वहां पर बना दिया। प्राण प्रतिष्ठा यह सब कर के पुराने मंदिर जो बनते थे उनका असर हमारे दिमाग पर जरूर होता है।

मिसेज. भल्ला ने शीतल की बात को कहा हाँ. हां वही पुराना मंदिर जहां पर पुराने बरगद के पेड़ भी हैं ।हाँँ जी  घुमने की भी जगह है पहाड़ो पर । वही ठीक है तो जब भी अगली छुट्टियां होंगी हम वहाँँ मंदिर में जाएंगे

 साफ भी है । एक सस्था ने सफाई कार्य सभाँला हुआ है । पर आजकल वातावरण को सही रखने की जिम्मेदारी कुछ हमारी भी है मिसेज भल्ला ने कहा ।

अच्छा अच्छा बहुत हो गई आदर्श वाली बातें अब कुछ और बातें की जाए। मिस्टर भल्ला ने कहा  पता है मयंक पार्किंग से और ऑफिस की डिपार्टमेंट जाने के लिए अब रेंट पर साइकिल मिल रही है पर किलोमीटर के हिसाब से मैं तो वही पार्किंग और डिपार्टमेंट बहुत दूर है तो मैं तो साइकिल से ही ऑफिस जा रहा हूं अच्छा बढ़िया है भल्ला जी पर यह एक अच्छी शुरुआत है मयंक ने कहा।चलो भाई मन नही भरेगा बातो से ,संजना अकेली है घर पर ।कल पेपर है उसका हाँ जी अच्छा लगा मिलकर खुब बातें की ।जन्मदिन पर आइयेगा।जी हाँ जरूर।


कुछ दिन बाद उस दिन बाद ऑफिस से फोन आया मयंक की सीने में दर्द हुआ है और वह हॉस्पिटल में एडमिट है। शीतल पसीने से लगभग घबराई हुई ।कुछ समझ नहीं आ रहा था ,अचानक क्या हो गया हॉस्पिटल पहुंची डॉक्टर ने कहा कि घबराने की कोई बात नहीं है । माइनर अटैक था। मयंक  बैठ गए थे डॉक्टर समझाने लगे यह बहुत हल्का सा अटैक था ।

आपको आपको अब प्रिकॉशंस लेनी होंगी सावधानी बरतनी होगी एक तो मोटापा हो गया है उसकी वजह से आप थोड़ा वॉक करें ,एक्सरसाइज करें ।सुबह साइकिल चलाएं ।खाना खाने के बाद आप पानी ना पिए फ्रिज का पानी तो बिल्कुल बंद क्योंकि वह खाना नहीं पच आता है जितना हो सके खाना खाते समय आप ढीले कपड़े पहने  आपका पौष्टिक आहार लें गुनगुना पानी पिए जो हेल्थ के लिए अच्छा है ।

आपको सब वही करना होगा मिस्टर अब शीतल को बहाना मिल गया था ,मैं तो के पहले से ही कहती थी पर मेरी सुनता कौन है? भानु तुम भी अपनी सब लाइफ़स्टाइल सुधार लो आगे जाकर यह सब परेशानियां झेलनी पड़े ।अब लौट रहा है सब पुरानी चीजें ही हमारे स्वास्थ्य को सही रखते हैं कुछ दिन के बाद मयंक वही कर रहे थे जो पहले शीतल कहा करती थी ।जिन्हें साइकिल चलाने में शर्म आती थी वह सुबह साइकिल चलाने के लिए निकल जाते थे कुछ चीजें जो हमने अपनी आदतें बिगाड़ ली हैं उनको समय पर सुधार लें तो बहुत अच्छा है।

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